योगी आदित्यनाथ के पिता पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में शामिल हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

योगी आदित्यनाथ के पिता पंचतत्व में विलीन, अंतिम यात्रा में शामिल हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

योगी आदित्यनाथ की गैरमौजूदगी में उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट का मंगलवार सुबह अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार के दौरान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई नेता और अधिकारी उपस्थित रहे। घाट पर पहुंचे सभी लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन किया और मास्क लगाए रखा।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट का आज सुबह गंगा और हेवल नदी के संगम स्थित फूल चट्टी घाट पर धार्मिक क्रिया के साथ अंतिम संस्कार किया गया। ज्येष्ठ पुत्र मानेंद्र सिंह बिष्ट ने उन्हें मुखाग्नि दी। कोरोना संकट के चलते अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के कारण सीएम योगी अपने पिता के अंतिम दर्शन को नहीं पहुंच सके। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अंतिम यात्रा में शामिल हुए और उन्होंने स्वर्गीय आनंद सिंह बिष्ट को श्रद्धांजलि अर्पित की।

उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष, कैबिनेट के कई मंत्रियों समेत प्रदेश के कई नेताओं, अधिकारियों और धर्मगुरुओं ने भी श्रद्धांजलि दी। आपको बता दें कि सीएम योगी ने खुद आग्रह किया था कि कोरोना के खतरे को देखते हुए अंतिम संस्कार में कम से कम लोग शामिल हों। ऐसे में जो भी लोग आज पहुंचे, सबने सामाजिक दूरी का पालन किया और मास्क लगाए रखा।

अंतिम संस्कार में शामिल हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत।

CM ने लिखा, आपकी कमी प्रदेश को खलेगी

सीएम रावत ने फेसबुक पर लिखा, ‘आज फूलचट्टी गंगातट में समाजसेवी स्व. श्री आनंद सिंह बिष्ट जी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी तथा शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। आप जैसे समाजसेवी की कमी प्रदेश को हमेशा खलेगी, आपके द्वारा समाज के प्रति किए गए कार्यों को सदैव याद रखा जाएगा। परमपिता परमेश्वर शोकाकुल परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे। !!ॐ शांति शांति शांति!!’

पढ़ें: फर्ज के आगे पिता के अंतिम दर्शन को भी नहीं पहुंच सके योगी

आपको बता दें कि सोमवार सुबह दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में इलाज के दौरान आनंद सिंह बिष्ट का निधन हो गया था। वह पिछले कई महीनों से ज्यादा बीमार थे। सोमवार शाम करीब 7 बजे उनका पार्थिव शरीर पौड़ी गढ़वाल में उनके पैतृक गांव पंचूर लाया गया। योगी के पिता के निधन की खबर से पंचूर समेत आसपास के कई गांवों में शोक की लहर दौड़ गई। रात में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धनसिंह रावत पंचूर पहुंच गए थे।

पिता की मौत की खबर मिली तो बैठक कर रहे थे योगी

सोमवार को जब पिता के निधन की खबर मिली, उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोरोना हालात पर समीक्षा बैठक कर रहे थे। बाद में उन्होंने एक संदेश जारी कर कहा कि पिता के निधन का उन्हें दुख और शोक है। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी के कारण मैं उनके दर्शन नहीं कर सका।

पढ़ें: लॉकडाउन के अलग-अलग जिलों में फंसे लोगों के लिए अच्छी खबर

इसके साथ ही उन्होंने परिजनों से अपील की कि लॉकडाउन का पालन करते हुए पिता के अंतिम संस्कार में कम से कम लोग जाएं। पिता के निधन पर उन्होंने लिखा, ‘पिता के निधन का उन्हें भारी दुख और शोक है। जीवन में ईमानदारी, कठोर परिश्रम और निस्वार्थ भाव से लोक मंगल के लिए समर्पित भाव के साथ कार्य करने का संस्कार बचपन में उन्होंने मुझे दिया। अंतिम क्षणों में उनके दर्शन की हार्दिक इच्छा थी लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई को उत्तर प्रदेश की 23 करोड़ जनता के हित में आगे बढ़ाने के कर्तव्यबोध के कारण मैं न कर सका।

पढ़िए मां के नाम क्या दिया संदेश

उन्होंने आगे लिखा कि 21 अप्रैल को अंतिम संस्कार में लॉकडाउन की सफलता तथा महामारी को परास्त करने की रणनीति के कारण भाग नहीं ले पा रहा हूं। पूजनीय मां, पूर्वाश्रम के सभी सदस्यों से अपील है कि लॉकडाउन का पालन करते हुए कम से कम लोग अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में रहें। पूजनीय पिताजी की स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। लॉकडाउन के बाद दर्शनार्थ आऊंगा।’

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