[fvplayer id=”10″]
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड मूल के प्रोफेसर प्रदीप कुमार जोशी को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। इससे पहले इस पद पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह तैनात थे। सुबोध कुमार सिंह छत्तीसगढ़ कैडर के 1987 बैच के अधिकारी हैं।
READ MOREसदियों से इस महान संस्कृति की महानता के विषय में आम लोगों को जागरूक करने का काम मेले और कौथिग करते रहे हैं। सोमनाथ का यह ऐतिहासिक मेला भी इसी का उदाहरण है। कत्यूरकाल से देवाधिदेव शिव को प्रत्येक गांव से नई फसल भेंट करने की चली आ रही अनूठी परंपरा इस मेले को विशिष्ट बनाती है।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज डोल आश्रम पहुंचकर श्री कल्याणिका हिमालय देवस्थानम के वार्षिकोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने 1100 कन्याओं का पूजन करने के साथ ही नर-नारायण मूर्तियों का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने श्रीयंत्र में पूजा-अर्चना की और देश एवं प्रदेश की सुख समृद्वि की कामना की।
READ MOREआज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा की 104वीं जयंती है इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अल्मोडा में जनसेवा आधारित बहुद्देशीय शिविर एवं कृषक महोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा को विलक्षण प्रतिभा का धनी थे। इस अवसर पर उन्होंने 256.75 करोड की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जिसमें 217.75 करोड की योजनाओं का शिलान्यास तथा 39 करोड की योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
READ MOREउत्तराखंड की महिलाशक्ति किसी से कम नहीं है और वह लगातार पुरूषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चल रही है। रानीखेत की रेखा पांडे भी अब उत्तराखंड की महिलाओं के लिए एक मिशाल बनकर सामने आई हैं।
READ MOREमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रामलीला मैदान, हल्द्वानी, में नकल विरोधी कानून लागू करने के उपलक्ष में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित आभार रैली में प्रतिभाग कर जनसभा को संबोधित किया।
READ MORE[fvplayer id=”10″]
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के गंगोला बाजार में एक छोटा सा मंदिर है इस मंदिर में हुक्का रखा गया है। बता दें कि इसे खमसिल बुबु का मंदिर कहते हैं। खमसिल बुबु का यह मंदिर लगभग 150 साल पुराना हैं।
READ MOREउत्तराखंड के जंगल दिन प्रतिदिन वनाग्नि का शिकार होते जा रहे हैं। कई हैक्टेयर जमीन/जंगल आग के हवाले हो चुके है। हालात यह है की यह आग अब सिर्फ जंगली जानवरों, औषधियों और संसाधनों के लिए ही नही बल्कि मानव की मृत्यु का भी कारण बन चुकी है।
READ MORE